ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध । Eassy on global warming in hindi.
ग्लोबल वार्मिंग क्या है एवं इनके प्रभाव । what is global warming in hindi मित्रों जैसा कि आप जानते है कि पिछले कुछ वर्षों से मौसम परिवर्तन हो रहा है । पृथ्वी का तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है । या यूं कहें कि मरुस्थलीय विस्तार हो रहा है । समाचार पत्रों के अनुसार बर्फीला समंदर पिघलने के खबरें भी पढ़ने को मिल रही है । इनके सबके पीछे एक कारण माना जाता है और वो है ग्लोबल वार्मिग ( Global warming ) Global warming एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है । जिसके कारण मौसम में अनिश्चित कालीन परिवर्तन हो जाते है जिनका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है तो चलिए जानते है ग्लोबल वार्मिंग क्या है एवं इनके मानव जीवन पर प्रभाव । What is global warming in hindi - ग्लोबल वार्मिंग क्या है | what is global warming in hindi - Global warming का अर्थ भूमण्डलीय तापमान वृद्धि या पृथ्वी के सतह में तापमान बढ़ने से जो अनिश्चितता से मौसम में परिवर्तन होता है उसे ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है । जिनका सीधा असर मानव जन जीवन पर पड़ता है । ग्लोबल वार्मिंग ग्रीन हाउस गैसों जैसे मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड क्लोरो फ्लोरो कार्बन के बढ़ने के कारण पृथ्वी का औसत तापमान में वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है । इसके अंतर्गत पृथ्वी का औसत तापमान अचानक बढना शुरू हो जाता है । ग्लोबल वार्मिंग का इतिहास | history of global warming in hindi. ● आज हमें विचार करना होगा कि ग्लोबल वार्मिंग से हमें किन हानियों का सामना करना पड़ सकता है । उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में ऐसा देखा गया कि आने वाले समय में तापमान में वृद्धि होगी । सन 1970 से 1980 के बीच में तापमान में वृद्धि देखने को मिली । इसी समय इसे ग्लोबल वार्मिंग का नाम दिया गया । ● औद्योगिक क्रांति के पश्चात Global warming यानी वैश्विक तापमान में वृद्धि को दर्शाता है। सन 1880 के बाद से औसत भूमण्डलीय तापमान में लगभग एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। वैज्ञानिकों ने चिंता जताते हुए कहा कि साल 2035 तक औसत भूमण्डलीय तापमान 0.3 से 0.7 डिग्री सेल्सियस अतिरिक्त तक बढ़ने सम्भावना है । क्योंकि Global warming एक सतत प्रक्रिया है । ● वैज्ञानिकों के अनुसार सन 1880 के बाद वैश्विक औसत समुद्री स्तर में भी 10 से 12 इंच की बढ़ोतरी दर्ज की गई । एक उच्च- उत्सर्जन परिदृश्य के तहत, समुंद्री स्तर 2100 तक 2000 के स्तर से 8 फीट से भी अधिक बढ़ने की सम्भावना है । ● स्वीडिश वैज्ञानिक अहोरेनियम ने सन 1896 में दावा किया था कि जीवाष्म ईंधन के जलने से Global warming में वृद्धि होगी । ● गिल्बर्ट प्लान्स ने सन 1956 में मूल्यांकन करके बताया कि बढ़ती co2 पृथ्वी को 3.6 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर रही हैं । ● सन 1969 में प्रेषित निबस 3 उपग्रह ने वायुमण्डलीय तापमान में बदलाव दर्ज किया । ● सन 1979 में पहला विश्व जलवायु सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें Global warming पर चर्चा की गई । उसके बाद से लगातार इस विषय पर चर्चा एवं समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं । https://www.sahitydrshan.com/2021/12/what-is-global-warming-in-hindi.html